अंबाला। हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने शनिवार को कहा कि किसानों को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई का हवाला देते हुए अपना विरोध प्रदर्शन कुछ समय के लिए रोक देना चाहिए। अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई कर रहा है और उसने कुछ समय मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि किसानों को कुछ समय के लिए अपना विरोध प्रदर्शन रोक देना चाहिए। मुझे लगता है कि किसानों को अदालत की बात माननी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को केंद्र सरकार और पंजाब से कहा कि वे खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल को आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान करना सुनिश्चित करें।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने अधिकारियों से डल्लेवाल से सीधे संवाद करने को कहा और कहा कि उनका जीवन किसी भी आंदोलन से अधिक कीमती है। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के तहत डल्लेवाल 26 नवंबर से आमरण अनशन पर हैं।
शंभू बॉर्डर से शनिवार को दोपहर 12 बजे एक बार फिर पंजाब के 101 किसानों के जत्थे ने दिल्ली कूच करने का प्रयास किया। हरियाणा पुलिस ने रोका तो किसानों ने जबरन आगे बढ़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने पानी की बौछार की। आंसू गैस के 20 से ज्यादा गोले भी दागे। 12 से ज्यादा किसान घायल हो गए हैं।
किसानों के आगे बढ़ने की कोशिश करने पर पुलिस लगातार पानी की बौछार कर रही थी। ठंड के बीच पानी से भीगे किसानों ने आरोप लगाया कि हरियाणा पुलिस छप्पड़ का पानी का किसानों पर डाल रही है। किसान फिर भी डटे हुए हैं और दिल्ली जाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। हरियाणा पुलिस आंसू गैस के गोल दागने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रही है।
किसानों का समर्थन देने के लिए हरियाणा के कांग्रेस नेता व पहलवान बजरंग पुनिया भी शंभू मोर्चे पर पहुंचे गए हैं। इससे पहले छह व आठ दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली जाने का प्रयास किया था, लेकिन हरियाणा पुलिस ने बार्डर पर रोक दिया था। आंसू गैस के गोले छोड़े जाने के बाद किसानों को लौटना पड़ा था।