कांकेर: सहकारी समिति मर्यादित कोयलीबेड़ा में धान का उठाव नहीं होने से किसान अपनी फसल बेचने के लिए परेशान हैं। कोयलीबेड़ा लापास के अंतर्गत मुरनार, कोयलीबेड़ा, सिकसोड़ एवं उपकेंद्र पानीडोबीर में किसान धान बेचते हैं। खरीदी बंद होने से नाराज किसानों ने तहसील कार्यालय में सीधे मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर शीघ्र ही नियमित खरीदी शुरू करने आवेदन दिया।
आधी-अधूरी तैयारी के साथ हो रही धान खरीदी
किसानों की मांग है कि पर्याप्त मात्रा में बारदाना उपलब्ध कराया जाए, यदि मिलर का बारदाना फटा या पुराना है तो सभी नए बारदाने उपलब्ध कराए जाएं। किसानों की उपज का एक-एक दाना खरीदा जाए। किसानों ने कहा कि यदि तीन दिनों के भीतर धान खरीदी शुरू नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। किसान ने कहा कि सरकार किसानों की उपज का एक-एक दाना 3100 रुपए में खरीदने की बात करती है। आधी-अधूरी तैयारी के साथ धान खरीदी की जा रही है जिससे किसानों को परेशानी हो रही है। मिलर द्वारा जो बारदाने दिए जा रहे हैं, वे बहुत घटिया क्वालिटी के हैं। फटे और पुराने होने के कारण धान बर्बाद हो रहा है। सरकार को संचालक और मिलर से व्यापक चर्चा कर हर पहलू का समाधान करना चाहिए और धान खरीदी जल्द शुरू करनी चाहिए।
जगह की कमी
कोयलीबेड़ा खरीदी केंद्र में बफर लिमिट से ज्यादा खरीदी हो चुकी है। जगह की कमी है। तीन हजार तीन सौ क्विंटल का टीओ जारी होने के बावजूद मात्र 920 क्विंटल का परिवहन हो पाया है। ऐसी स्थिति में धान खरीदी जारी रखना उचित नहीं है।
पुराने बारदाने की मांग के बावजूद बारदाने नहीं मिल रहे हैं और अगर मिल भी रहे हैं तो वे घटिया क्वालिटी के हैं, जिससे खरीदी प्रभावित हो रही है। आउटसोर्सिंग के खिलाफ संचालक 12 दिसंबर से हड़ताल पर चले गए हैं। किसानों की मांग है कि जल्द से जल्द खरीदी शुरू की जाए। इस दौरान कोयलीबेड़ा लापास के तहत पंजीकृत सैकड़ों किसान मौजूद थे।
किसानों से धान नहीं खरीद पा रही सरकार
भानुप्रतापपुर संयुक्त किसान संघ के ब्लॉक सचिव बीरेंद्र कोरेटी ने किसानों और खरीदी केंद्रों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि जब से धान खरीदी शुरू हुई है, तब से टोकन, बारदाना नहीं मिलने और धान का उठाव नहीं होने से किसानों को परेशानी हो रही है। जबकि धान खरीदी 3-4 दिन से बंद है।