नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव संपन्न होते ही प्रदेश कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। पार्टी संगठन को मजबूत करने के लिए जिलास्तर पर कार्यकर्ता सम्मेलन करने लग गई है। इतना ही नहीं, प्रतिमाह जिला और ब्लॉक स्तर पर बैठक करने की भी शुरुआत की है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को दिल्ली में भले ही सफलता नहीं मिली, मगर देशभर में अपने बेहतर प्रदर्शन व भाजपा के बहुमत से वंचित होने पर वह अति उत्साहित है। इस कड़ी में उसने अगले साल की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर शोर से कर दी है। वह अपने प्रत्येक जिले में कार्यकर्ता सम्मेलन करने लग गई है। इन सम्मेलनों में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव खुद भाग ले रहे है। इस दौरान वह पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव तक चैन से न बैठने का फरमान दे रहे है। आमतौर पर राजनीतिक दल एमसीडी, विधानसभा व लोकसभा चुनाव के समय इस तरह के सम्मेलन करते है, मगर दिल्ली में सियासी हाशिये पर चल रही कांग्रेस ने चुनाव से काफी पहले कार्यकर्ता सम्मेलनों के माध्यम से कमर कसनी शुरू कर दी है। प्रदेश कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने व पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को निरंतर सक्रिय रखने के लिए प्रत्येक माह जिला व ब्लाॅक स्तर बैठक करने का भी निर्णय लिया है। यह बैठक करने के पीछे जनता व संबंधित इलाके के मामलों का पता लगाकर उनको आगे करके केंद्र, दिल्ली व एमसीडी की सरकारों को घेरने की मंशा है। खास बात यह है कि कांग्रेस के इतिहास में इस तरह पहले कभी बैठक नहीं होती थी। उसने एक नई परंपरा शुरू की है। पहले प्रदेश व जिला स्तर पर किसी खास मामले के संबंध में बैठकें होती थी। दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की साथी आम आदमी पार्टी की ओर से विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा करने के बाद कांग्रेस ने उसे घेरने व अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की शुरू कर दी है। इस कड़ी में वह आप शासित दिल्ली सरकार व एमसीडी की खामियां उजागर करने के साथ-साथ जनता को परेशान करने वाले मुद्दों को उठाने लग गई है।