धनशोधन के एक मामले में झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम जेल में बंद हैं। उन्होंने अब राज्य मंत्रिमंडल और कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है।
एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को लिखे पत्र में आलम ने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है। आलम ने कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे को लिखे एक अन्य पत्र में कहा, 'मैं झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता पद से इस्तीफा देता हूं। मुझे सीएलपी नेता के रूप में काम करने और सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए मैं पार्टी नेतृत्व का आभारी रहूंगा।'
क्या है मामला?
कांग्रेस नेता और राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, उनके पूर्व निजी सचिव संजीव कुमार लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम को प्रवर्तन निदेशालय ने 15 मई को गिरफ्तार किया गया था। एजेंसी ने वहां से 32 करोड़ रुपये से अधिक बरामद करने का दावा किया था, जहां जहांगीर आलम रहते थे।
यह जांच राज्य ग्रामीण विकास विभाग में काम करने वाले ठेकेदारों के अधिकारियों और अन्य लोगों के बीच कथित अनियमितताओं और रिश्वत के आदान-प्रदान से संबंधित है। पीएमएलए अदालत ने 17 मई को आलम को छह दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद 22 मई को रिमांड पांच दिन के लिए बढ़ाई गई। 27 मई को तीन अन्य दिन के लिए रिमांड को बढ़ाया गया था।
भाजपा कर रही थी पद से हटाने की मांग
राज्य में विपक्षी भाजपा ने पिछले सप्ताह आलम को चंपई सोरेन मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने आलम के पास मौजूद सभी चार विभागों संसदीय कार्य, ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य और पंचायती राज का प्रभार संभाला था।