मुंबई । चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दल सभी तरह के दांव-पेच आजमाते हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी ऐसा ही कुछ देखने में मिल रहा है। जहां एनसीपी मुखिया अजित पवार ने ‘नेम गेम’ शुरू किया है। असल में अजित ने कटोल विधानसभा क्षेत्र से अनिल देशमुख नाम का प्रत्याशी उतारा है। वहीं, उनके सामने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के सुपुत्र सलिल देशमुख हैं। बताया जा रहा है कि उनका यह दांव वोटरों को कंफ्यूज करने और भाजपा की मदद करने के लिए किया है। असल में सीट पर सलिल का मुकाबला भाजपा के चरणसिंह ठाकुर से है। महायुति के साथी की राह आसान बनाने के लिए अजित ने अनिल को मैदान में उतारकर मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए किया गया है। माना जा रहा है देशमुख, सलिल देशमुख का कुछ वोट काटने में कामयाब हो सकते है, जिससे भाजपा उम्मीदवार के जीत का रास्ता खुल सकता है।
पूर्व गृहमंत्री अनिल इस विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं। अनिल भी घड़ी चुनाव चिह्न पर ही चुने गए थे। इसके बाद अजित को उम्मीद है कि अनिल देशमुख के नाम पर कुछ वोट बंट सकते हैं। इस बार एनसीपी के उम्मीदवार अनिल देशमुख का पूरा नाम अनिल शंकरराव देशमुख है। उनके सामने एनसीपी-शरद पवार के सलिल देशमुख हैं, जो अपने पिता अनिल देशमुख के नाम पर वोट जुटाने में लगे है। रिपोर्ट के मुताबिक राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इसतरह से वोटरों के बीच काफी कंफ्यूजन होगा और सलिल चौधरी के लिए चुनौतियां भी बढ़े सकती हैं। एनसीपी उम्मीदवार अनिल देशमुख द्वारा पेश चुनावी घोषणापत्र के मुताबिक उनके पास सिर्फ 6.6 लाख रुपए की कुल संपत्ति है।
गौरतलब है महाराष्ट्र में सियासी लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है। एनसीपी ने नवाब मलिक को उम्मीदवार बनाया है। इस लेकर महायुति में दरार की आशंकाएं हैं। हालांकि एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि ऐसा करने से राज्य में अन्य जगहों पर ‘महायुति’ पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नबाब मलिक को धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था और उन पर गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के करीबी लोगों से संबंध रखने का भी आरोप है।