लेबनान में पेजर के बाद अब वॉकी-टॉकी, सोलर सिस्टम में धमाके, 14 की मौत; 450 घायल…

लेबनान में हिज्बुल्लाह के लड़ाकों के पेजर में हुए ब्लास्ट के बाद बुधवार को एक बार फिर से कई धमाके हुए हैं।

इस बार वॉकी-टॉकी (हाथ में पकड़ा जाने वाला रेडियो सेट) और घरों के सोलर सिस्टम को निशाना बनाया गया है। इस ब्लास्ट में कम-से-कम 14 लोगों की मौत हुई है, जबकि 450 से ज्यादा घायल हो गए।

सुरक्षा सूत्रों और एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हिज्बुल्लाह द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वॉकी-टॉकी में बुधवार दोपहर को लेबनान के दक्षिण और बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में विस्फोट हुआ।

एक ब्लास्ट तब हुआ जब पेजर ब्लास्ट में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था। इसी दौरान अचानक वॉकी-टॉकी फट पड़ा।

वॉकी-टॉकी में हुए ब्लास्ट का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें अंतिम संस्कार के समय काफी भीड़ देखी जा सकती है।

इसी दौरान, एक अचानक ब्लास्ट होता है, जिसके बाद भगदड़ जैसी स्थिति बन जाती है। यह धमाका वॉक-टॉकी में हुआ है। पेजर्स की तरह इन डिवाइस को भी पांच महीने पहले ही खरीदा गया था।

बता दें कि एक दिन पहले ही लेबनान में कई जगह हिज्बुल्लाह के लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पेजर अचानक फट गए थे। इसमें ब्लास्ट होने की वजह से हर ओर अफरातफरी मच गई।

इस हमले में कम-से-कम 12 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 2700 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस हमले के पीछे इजरायल के होने की आशंका है।

हालांकि, अभी तक इजरायल ने इसे स्वीकार नहीं किया है और इजरायली सेना ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।

लेबनान के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र और एक अन्य सूत्र ने बताया कि इजरायल की जासूसी एजेंसी मोसाद ने मंगलवार के विस्फोटों से महीनों पहले हिज्बुल्लाह द्वारा खरीदे गए पेजर के अंदर विस्फोटक लगाए थे।

लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबियाद ने बुधवार को बताया कि मंगलवार के विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है, जिसमें दो बच्चे भी शामिल हैं।

मंगलवार के हमले में लगभग 3,000 लोग घायल हुए, जिनमें चरमपंथी समूह के कई लड़ाके और बेरूत में ईरान के दूत शामिल हैं। मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने पेजर विस्फोट से जुड़ी घटनाओं की स्वतंत्र जांच की बात कही है।

किस कंपनी ने बनाए थे पेजर?

बताया जा रहा है कि जिन पेजर में धमाके हुए हैं, उन्हें हंगरी की एक कंपनी ने बनाया था।

ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो ने बुधवार को यह जानकारी दी। गोल्ड अपोलो ने कहा कि बुडापेस्ट की एक अन्य कंपनी ने इन पेजर का निर्माण किया है, जिसे उसने पेजर पर अपने अधिकृत ब्रांड के इस्तेमाल का अधिकार दिया था।

उधर, एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन पेजर में सप्लाई से पहले ही विस्फोटक सामग्री डाली गई थी। वहीं, एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि इजरायल ने मंगलवार को हमले के बाद अमेरिका को जानकारी दी थी। पेजर में कम मात्रा में विस्फोटक छिपाकर रखा गया था और फिर उसमें विस्फोट किया गया था।

हमास के हमले के बाद बढ़ा है तनाव

पिछले साल आठ अक्टूबर को इजरायल पर फिलिस्तीनी गुट हमास के हमले के बाद से हिज्बुल्लाह और इजरायली सेना के बीच लगभग रोजाना गोलीबारी हो रही है।

अबतक इन गोलीबारी और हमलों में लेबनान में सैकड़ों लोग मारे गए हैं, जबकि इजरायल में भी दर्जनों लोगों की जान गई है। इस संघर्ष में सीमा के दोनों ओर हजारों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।

समय-समय पर तनाव बढ़ने के बावजूद, दोनों पक्षों ने अब तक सावधानी से युद्ध को टाला है, लेकिन इजरायली नेताओं ने हाल के हफ्तों में कई चेतावनियां जारी की हैं कि वे लेबनान में हिज्बुल्लाह के खिलाफ अभियान तेज कर सकते हैं।

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