नासिक में आर्टिलरी सेंटर में फायरिंग प्रैक्टिस के दौरान हादसा

नासिक। महाराष्ट्र के नासिक जिले में आर्टिलरी सेंटर में फायरिंग प्रैक्टिस के दौरान भारतीय फील्ड गन का एक शेल फटने से दो अग्निवीरों की मौत हो गई। यह घटना नासिक रोड इलाके में आर्टिलरी सेंटर में गुरुवार दोपहर को हुई थी। घटना में जिन अग्विवीरों की जान गई है, उनमें गोहिल विश्वराज सिंह (20) और सैफत शिट (21) का नाम शामिल है। घटना उस वक्त हुई जब अग्निवीरों की एक टीम भारतीय फील्ड गन से फायरिंग कर रही थी, तभी एक शेल (गोला) फट गया।
सेना से जुड़े अधिकारी ने कहा कि दोनों को गंभीर चोटें आईं थी। उन्हें देवलाली के एमएच अस्पताल ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने दोनों की मृत घोषित कर दिया गया था। अधिकारी ने कहा कि हवलदार अजीत कुमार की शिकायत के आधार पर देवलाली कैंप पुलिस में आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया गया है। मामले में आगे की जांच की जा रही है। घटना को लेकर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने एक्स पर लिखा- नासिक के एक तोपखाने केंद्र में प्रशिक्षण के दौरान हुए विस्फोट में दो अग्निवीरों की मौत हो गई, ये घटना बेहद दुखद है। इन दोनों जवानों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि, हम सभी दोनों जवानों के परिवारों के दु:ख में शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय को चाहिए कि वह इन दोनों जवानों को शहीद का दर्जा दें और उनके परिवारों को इसका लाभ दें।
मॉकड्रिल के दौरान गई थी अग्निवीर की जान
4 अक्टूबर को भरतपुर में आग बुझाने की मॉक ड्रिल करते समय अग्निशमन सिलेंडर फटने से 24 साल के अग्निवीर की मौत हो गई थी। घटना सेवर थाना इलाके के गोलपुरा आर्मी क्षेत्र में हुई थी। सेवर थाने के एएसआई विजय कुमार ने बताया था कि भरतपुर में ट्रेनिंग कैंप के दौरान मॉक ड्रिल के दौरान जवान सौरभ ने आग बुझाने की प्रैक्टिस के दौरान अग्निशमन सिलेंडर को जमीन पर उल्टा पटका था। इसी के साथ तेज धमाका हुआ और सिलेंडर फट गया था। एएसआई के मुताबिक सिलेंडर के टुकड़े जवान की छाती में धंस गए थे। सेना के अधिकारी और साथी जवान उसे गंभीर हालत में भरतपुर के जिंदल हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। सौरभ ने इलाज के दौरान करीब रात 8 बजे दम तोड़ दिया था।
मामले की जांच शुरू
पुलिस अधिकारी ने बताया है कि अग्निवीरों की एक टीम तोप से गोले छोड़ रही थी। इसी बीच तोप का एक गोला फट गया। इसमें दो अग्निवीर घायल हो गए। घायल अग्निवीरों को देवलाली के एमएच अस्पताल ले जाया गया लेकिन उन्हें यहां मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने शिकायत के बाद आकस्मिक मौत का मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है। पुलिस को शुक्रवार को विस्फोट के बारे में सूचित किया गया और दुर्घटनावश हुई मौत का मामला दर्ज किया गया है। इस दुखद घटना के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए जांच चल रही है। इन दो अग्निवीरों के खो जाने से सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों में शामिल जोखिमों की ओर ध्यान आकृष्ट हुआ है। भारतीय सेना के अधिकारियों ने घटना और दो सैनिकों की मौत की पुष्टि की है, तथा इस बात पर जोर दिया है कि यह दुर्घटना एक नियमित प्रशिक्षण सत्र के दौरान हुई। इस घटना पर सेना द्वारा जांच का आदेश दे दिए गये हैं। नासिक का ये आर्टिलरी कैंप एशिया का सबसे बड़ा तोपखाना कैंप माना जाता है। ये कैंप नासिक में पांडव गुफाओं के ठीक पीछे स्थित है। इस तोपखाने को भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान स्थानांतरित किया गया था, तब से ये केंद्र सैन्य निगरानी में है। यह भारतीय सैना के अधिकारयों और सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण प्रशिक्षण केंद्र माना जाता है। इस तोपखाना में सैनिक सबसे उन्नत हथियारों में से एक, बोफोर्स तोप का प्रशिक्षण हासिल करते हैं।

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