पंचकूला। गुजरात के सूरत के एक कोचिंग सेंटर में आग लगने जैसा भयानक मंजर शुक्रवार को पंचकूला में देखने को मिला। पंचकूला सेक्टर 16 स्थित एक शोरुम की पहली मंजिल पर बिजली के बोर्ड में आग लगने के बाद अफरा तफरी मच गई।
वहीं दूसरी मंजिल पर कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करने आए विद्यार्थियों ने अपनी जान बचाने के लिए दूसरी मंजिल की इमारत के शीशे तोड़ दिए और वहां से नीचे आने के लिए कोशिश करने लगे। हालांकि किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ और दमकल विभाग ने समय पर पहुंचकर हालात पर काबू पा लिया।
ऐसे हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार सेक्टर 16 के एससीओ नंबर 195 की प्रथम मंजिल पर बिजली के मीटर बोर्ड में दोपहर लगभग 12 बजे अचानक आग लग गई। आग के कारण काफी धुंआ हो गया और इससे दूसरी मंजिल पर बने हारट्रोन इंस्टीट्यूट में धुंआ फैल गया। जिस समय हादसा हुआ, तो हारट्रोन इंस्टीट्यूट में लगभग 25 से 30 विद्यार्थी कंप्यूटर की ट्रेनिंग करने के लिए आए थे।
धुंआ फैलने के कारण सांस लेने में आई समस्या
धुंआ फैलने के कारण विद्यार्थियों को सांस लेने में भी समस्या होने लगी। इसके बाद स्थानीय दुकानदार ने दमकल विभाग को सूचित किया, जिसके बाद दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंची। दमकल कर्मियों ने लोगों की मदद से दूसरी मंजिल पर पहुंचने के लिए लकड़ी की सीढ़ी लगाई और ऊपर जाकर फंसे हुए विद्यार्थियों को बाहर निकालने के लिए प्रयास शुरू किए। दमकल कर्मियों ने ऊपर पहुंचकर विद्यार्थियों का हौसला बांधा।
लकड़ी की सीढ़ी से छात्रों को नीचे उतारा
शोरुम के प्रथम तल पर मीटर बोर्ड में आग और करंट लगने का खतरा था, जिसके चलते शोरुम की सीढ़ियों से नीचे आना संभव नहीं था। इसलिए विद्यार्थियों को दूसरी मंजिल से लकड़ी की सीढ़ी के सहारे नीचे उतारा गया। इस शोरुम के प्रथम मंजिल पर तीन ऑफिस बने हैं, जबकि दूसरी मंजिल एक हारट्रोन इंस्टीट्यूट और दूसरा निजी कंपनी का कार्यालय है।
हादसे में किसी प्रकार का जानी नुकसान नहीं हुआ है। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई थी। बता दें कि वर्ष 2019 में गुजरात के सूरत में कोचिंग इंस्टीट्यूट में भी आग लगने के कारण विद्यार्थियों ने अपनी जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से छलांग लगा दी थी और 20 विद्यार्थियों की मृत्यु हो गई थी।
पुरानी मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों में चल रहे कोचिंग सेंटर
पंचकूला शहर की अधिकांश मार्केट में बिल्डिंग पुराने समय की बनी हैं। इस कारण इन इमारतों में निकासी द्वार भी दो नहीं है। एक निकासी द्वार होने के चलते बिल्डिंगों में चल रहे कोचिंग सेंटरों में पढ़ रहे छात्रों की जान जोखिम में पड़ी है। अधिकांश कोचिंग सेंटर बिल्डिंगों के पहले और टॉप फ्लोर पर हैं। लेकिन इनमें आग से बचाव के पूरे सुरक्षा उपकरण नहीं हैं। बावजूद इसके यह बेरोकटोक चल रहे हैं।