इंटरनेट से बम बनाना सीखकर ससुराल वालों के खिलाफ साजिश रचने वाले दो आरोपी गिरफ्तार 

अहमदाबाद। अहमदाबाद के साबरमती स्थित एक रो हाउस में शनिवार को हुए पार्सल ब्लास्ट मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसने अपनी पत्नी के दोस्त और ससुराल वालों से बदला लेने के लिए पार्सल ब्लास्ट की योजना बनाई थी।

पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी रूपेन राव और राखी उर्फ ​​रोहन रावल को गिरफ्तार कर लिया गया है। शनिवार को ही पार्सल डिलीवर करने वाले गौरव गढ़वी को पहले गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही पार्सल ब्लास्ट के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

इस धमाके में दो लोग घायल हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी 44 वर्षीय रूपेन राव को तीन से चार महीने में इंटरनेट पर बम और हथियार बनाने की जानकारी मिली थी। उसका मकसद अपने ससुराल वालों, खासकर अपनी पत्नी के दोस्त बलदेव सुखड़िया, ससुर और साले से बदला लेना था।

पूछताछ के दौरान, राव ने कहा कि सुखाड़िया ने उनके और उनकी पत्नी के बीच संबंधों को तनावपूर्ण बना दिया था और उन्हें अपने बच्चों से अलग कर दिया था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से दो और बम, एक देशी पिस्तौल, कारतूस और हथियार सामग्री बरामद की है।

रूपेन राव की पत्नी का तलाक का मामला कोर्ट में चल रहा है। पुलिस उपायुक्त भरत राठौड़ ने बताया कि पुलिस को शनिवार को दो सक्रिय बम मिले, जो सल्फर पाउडर, बारूद और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से बने थे। इन बमों को रिमोट कंट्रोल से सक्रिय किया जा सकता है। राव द्वारा स्वयं बनाई गई एक देशी पिस्तौल भी बरामद की गई।

मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को सुबह करीब 10.45 बजे साबरमती के एक रो हाउस में बम विस्फोट हुआ, जिसमें दो लोग घायल हो गए। विस्फोट के बाद, पुलिस ने तुरंत गौरव गढ़वी को गिरफ्तार कर लिया, जो घटनास्थल पर पाया गया।

इसके बाद पुलिस ने तकनीकी निगरानी का उपयोग करके गहन जांच की, जिसके परिणामस्वरूप शनिवार रात को राव और उसके साथी रोहन रावल को गिरफ्तार किया गया।

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) भरत राठौड़ ने पुष्टि की है कि राव और रावल कई महीनों से हमले की योजना बना रहे थे।

राठौड़ ने कहा, राव पिछले तीन से चार महीनों से ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से बम और आग्नेयास्त्र बनाना सीख रहा था। उसका लक्ष्य सुखाड़िया और उसके ससुराल वालों को नुकसान पहुंचाना था, साथ ही अपनी पत्नी के परिवार के साथ दरार पैदा करके उसे भावनात्मक रूप से अलग करना था।

गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने संदिग्धों से जुड़ी एक कार से दो जिंदा बम भी बरामद किए है।

सल्फर पाउडर, बारूद और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से बने बमों को दूर से ही विस्फोट करने के लिए बनाया गया था। इसके अलावा, पुलिस को एक देसी पिस्तौल और गोला-बारूद भी मिला, जिसे राव ने खुद ही बनाया था।

बम का पता लगाने और उसे नष्ट करने वाले दस्ते (BDDS) ने बमों को तुरंत निष्क्रिय कर दिया, जिससे आगे कोई हताहत नहीं हुआ।

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