जनवरी में शिफ्ट होगी हमीदिया अस्पताल की कैथलैब

भोपाल। गांधी मेडिकल कॉलेज से जुड़े हमीदिया अस्पताल में जनवरी से कैथलैब बंद रहेगी, क्योंकि इसे नए भवन ब्लॉक ए की तीसरी मंजिल पर शिफ्ट किया जाना है। फिलहाल कैथलैब पुराने भवन में संचालित हो रही है। नए भवन में सिविल वर्क पूरा हो चुका है लेकिन शिफ्टिंग की प्रक्रिया अगले तीन महीनों तक चलेगी। इस दौरान मरीजों को कैथलैब की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। विभाग ने इस काम के लिए 50 लाख रुपये का बजट दिया है। ऐसे में डॉक्टरों का मानना है कि इतनी देरी हुई है तो शिफ्टिंग का काम ठंड के बाद शुरू होना चाहिए, क्योंकि ठंड के महीनों (दिसंबर-फरवरी) में हार्ट अटैक के मामले तीन से चार गुना बढ़ जाते हैं। इसी दौरान कैथलैब की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर से फरवरी के बीच कैथलैब में हर महीने 200-250 प्रोसीजर होते हैं। इनमें एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर, डिवाइस क्लोजर, बैलून डायलेटेशन और अन्य कार्डियक उपचार शामिल हैं। राजधानी भोपाल में सरकारी स्तर पर कैथलैब की सुविधा सिर्फ तीन अस्पतालों में उपलब्ध है।

कैथलैब की शिफ्टिंग में हो रही देरी
कैथलैब की शिफ्टिंग में देरी हो रही है। कैथलैब की शिफ्टिंग के लिए लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से 50 लाख रुपए का बजट दिया गया है। पुराने भवन को पूरी तरह से तोड़ा जाना है। इसके लिए जरूरी है कि पहले लैब को शिफ्ट किया जाए। यही कारण है कि लैब शिफ्टिंग की प्लानिंग जनवरी माह से चल रही है। हैरानी की बात यह है कि पहला प्रस्ताव नए भवन ए की तीसरी मंजिल पर शिफ्ट करने का ही बनाया गया था। इसे लेकर इंजीनियरों का तर्क था कि बिल्डिंग का निर्माण कैथलैब के मानकों के अनुरूप नहीं है। इसके बाद पांच अलग-अलग प्लान बनाए गए। आखिर में पहले प्रस्ताव को ही मंजूरी दे दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *