नई दिल्ली: राज्यसभा और लोकसभा में शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस दौरान सदन में काफी हंगामा देखने को मिल रहा है। विपक्ष ने राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया। इस मामले पर काफी विवाद देखने को मिल रहा है। इससे पहले कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने जगदीप धनखड़ पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था। इसके बाद राज्यसभा के सभापति ने भी पलटवार किया है। जयपुर में जगदीप धनखड़ ने कहा कि कुछ ताकतें देश की तरक्की को पचा नहीं पा रही हैं। धनखड़ ने बिना नाम लिए विपक्ष पर परोक्ष रूप से आरोप लगाया कि देश को बांटने और देश की संस्थाओं का अपमान करने की साजिश हो रही है।
सद्गुरु ने दिया बयान
अब इस मामले पर ईशा योग केंद्र के संस्थापक सद्गुरु ने बयान दिया है। सद्गुरु ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'भारतीय संसद में व्यवधान देखना निराशाजनक है, खासकर तब जब हम दुनिया के लिए लोकतंत्र का प्रतीक बनने की आकांक्षा रखते हैं। भारत के धन सृजक और रोजगार प्रदाता राजनीतिक बयानबाजी का विषय नहीं बनने चाहिए। अगर कोई विसंगतियां हैं तो उन्हें कानून के दायरे में निपटाया जा सकता है, लेकिन उन्हें राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि भारतीय व्यवसाय फले-फूले। यही एकमात्र तरीका है जिससे भारत एक भव्य भारत बनेगा।'
जेपी नड्डा और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच बहस
राज्यसभा में इस बहस के बीच जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि जॉर्ज सोरो का सोनिया गांधी से क्या रिश्ता है। उन्होंने कहा कि चेयरमैन का अपमान किया गया है। हम निंदा प्रस्ताव लाएंगे। नड्डा ने कहा कि देश की जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेगी। देश को गुमराह करने की जो कोशिश की जा रही है, उसे देश माफ नहीं करेगा। जेपी नड्डा के बयान पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में कहा कि सरकार सदन चलाना नहीं चाहती। खड़गे ने कहा कि भाजपा देश का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने का काम कर रही है