झारखंड के नवनिर्वाचित विधायक जयराम महतो ने विधानसभा में प्रधानमंत्री मोदी के अंदाज में किया मत्था टेक

रांचीः झारखंड के सबसे गरीब और युवा विधायक जयराम महतो बिना चप्पल-जूता पहने खाली पैर ही विधानसभा पहुंचे। डुमरी विधानसभा सीट से झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) विधायक जयराम महतो ने विधानसभा में प्रवेश के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अंदाज में मत्था टेकर सदन के प्रवेश द्वार को "प्रमाण" किया। मत्था टेकने के बाद ही जयराम महतो विधानसभा के अंदर घुसे। विधानसभा में प्रवेश करने के वक्त भी उनके पैरों में चप्पल नहीं था।

युवाओं के मुद्दों पर उठाएंगे आवाज
झारखंड के सबसे गरीब विधायक रहे जयराम महतो ने संसदीय राजनीति का सफर शुरू करने के पहले जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंदाज में सदन में प्रवेश किया, उसके बाद उनके समर्थकों को उम्मीद है कि वो अपने वादे के मुताबिक युवाओं की आवाज, रोजगार, स्थानीय नीति और झारखंड के हित के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाएंगे। लोकसभा और विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान गाड़ी के बोनट पर खड़े होकर भाषण देने वाले जयराम महतो आम युवाओं की तरह जींस और टी-शर्ट पहनते हैं। आक्रमक भाषण शैली के कारण युवाओं में खासे लोकप्रिय जयराम महतो विधायक के रूप में शपथ लेने के लिए सोमवार को विधानसभा भी उसी अंदाज में पहुंचे।

JLKM ने 71 सीटों पर लड़ा चुनाव
30 वर्षीय जयराम महतो ने पिछले कुछ दिनों में झारखंड की राजनीति में हलचल मचा रखी है। विधानसभा चुनाव परिणाम 2024 के बाद जयराम महतो की पार्टी JLKM ने सिर्फ एक सीट हासिल की, लेकिन उनकी पार्टी ने सबसे अधिक 71 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़कर करीब 12 लाख वोट हासिल किए। जयराम महतो की पार्टी के वोट के कारण ही बीजेपी और आजसू पार्टी समेत कई अन्य उम्मीदवारों का सियासी गणित गड़बड़ा गया। JLKM उम्मीदवारों के कारण बीजेपी को काफी नुकसान उठाना पड़ा।

नानी के साथ बिता बचपन
झारखंड में 81 निर्वाचित विधायकों में जयराम महतो की संपत्ति सबसे कम है। वो खुद भी बताते हैं कि उनका जीवन संघर्षों भरा रहा है। जयराम महतो का संघर्ष मां के गर्भ से ही शुरू हो चुका था और जन्म के कुछ ही दिनों पर अंधविश्वास के कारण नानी उन्हें अपने साथ ले गईं। वो अपनी मां का दूध भी पी नहीं सके। जयराम बताते हैं कि उनके जन्म के पहले उनके दो बड़े भाईयों की जन्म के कुछ दिनों बाद हो गई थी, जिसके बाद गांव-घर के लोगों का मानना था कि जिस घर में वो रहते थे, उस घर में जरूर किसी न किसी का साया है, इसी कारण बच्चे की मौत हो रही है। इसी कारण जन्म के बाद नानी उन्हें अपने साथ ले गईं।