लिंग आधारित हिंसा उन्मूलन हेतु जागरूकता अभियान 25 नवंबर से 10 दिसम्बर

दंतेवाड़ा,

कलेक्टर जिला दंतेवाड़ा श्री मयंक चतुर्वेदी के निर्देशानुसार एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री वरुण नागेश के मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष्य में दंतेवाड़ा जिले में 16 दिवसीय जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इस क्रम में विगत दिवस को शासकीय दन्तेश्वरी महाविद्यालय दंतेवाड़ा में लिंग आधारित हिंसा समाप्ति हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में जिसमें संरक्षण अधिकारी श्रीमती मनीषा ठाकुर द्वारा कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 की जानकारी देते हुए बताया गया कि कोई भी कामकाजी महिला चाहे वह शासकीय, अर्ध शासकीय, निजी क्षेत्र का संगठन, शैक्षिक, मनोरंजन, स्वास्थ्य सेवायें, वित्तीय क्रियाकलाप कर रहा हो या दैनिक मजदूरी, घरेलू कर्मकार ये सभी महिलाएं इसके अंतर्गत आती है यदि इनके साथ अपने कार्य के दौरान उनके उच्चाधिकारी या सहकर्मी द्वारा कोई लैंगिक कृत्य किया जाता है या ऐसे कृत्य की मांग की जाती है तब वह महिला आंतरिक शिकायत समिति या स्थानीय शिकायत समिति में शिकायत कर सकती है। या सी बाक्स पोर्टल के माध्यम भी शिकायत कर सकती है।

इसके अलावा घरेलू हिंसा से संरक्षण अधिनियम 2005 के विषय में बताया गया कि घरेलू हिंसा घर के अंदर होने वाला हिंसा है जो घर के किसी व्यक्ति द्वारा जो उस व्यथित महिला के रक्त संबंध में आता है व साझी गृहस्थी में निवास करता हो। घरेलू हिंसा शारीरिक, मौखिक व भावनात्मक, दहेज के लिए प्रताड़ित करना एवं आर्थिक रूप हो सकता है। इसके साथ ही बाल संरक्षण ईकाई से काउंसलर श्री शशीकांत झा द्वारा बाल अपराध व बच्चों के अधिकार, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, रेखा सिंह द्वारा सखी वन स्टॉप सेंटर में 05 दिन मिलने वाले अल्पकालीन सुविधाओं, स्थानीय शिकायत समिति अध्यक्ष पार्वती परिहार द्वारा मोबाइल से हो रहे साइबर क्राइम, प्रोफेसर अर्चना झा द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के विषय में बताया गया। इसके अलावा महाविद्यालय के प्राचार्य व्याख्याताओं, बालक बालिकाओं एवं महिला बाल विकास के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा फलदार वृक्षों का वृक्षारोपण एवं रैली का आयोजन एवं हस्ताक्षर अभियान किया गया। इस दौरान  ग्राम पंचायत बालूद एवं बड़ेकारली की ग्रामीण महिलाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्व सहायता समूह, उप स्वास्थ्य केन्द्र के स्टॉफ और मितानिने, शिक्षक व स्कूली बच्चें उपस्थित थे।