नई दिल्ली । दिल्ली विधानसभा में एक बार फिर हंगामा देखने को मिला। दरअसल, दिल्ली विधानसभा के स्पीकर रामनिवास गोयल ने बुधवार को कहा कि प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता को सदन से माफी मांगनी चाहिए। वे कह रहे हैं कि कानून व्यवस्था इस सदन का मुद्दा नहीं है। इस मामले में आप नेताओं को कहना है कि दिल्ली में अपराधी पूरी तरह से बेलगाम हो गए हैं। इसके लिए केंद्र सरकार और बीजेपी प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार है। बीजेपी विधायक और प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के इस बयान का आप विधायक सदन में प्लेकार्ड लेकर विरोध कर रहे हैं। आप विधायक बीजेपी की इस रुख के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं। आप विधायकों के हंगामे को देखते हुए कि स्पीकर रामनिवास गोयल ने 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दिया। स्पीकर रामनिवास गोयल ने विजेंद्र गुप्ता के बयान पर इतना नाराज हुए कि उन्होंने प्रतिपक्ष के नेता को फटकार लगाते हुए कहा, ये जो बोल रहे हैं, उसे रिकॉर्ड कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि लॉ एंड आर्डर सदन का विषय क्यों नहीं है। आपको शर्म आनी चाहिए। क्या ये विजेंद्र गुप्ता बोल रहे हैं? इस मामले में आप नेताओं को कहना है कि दिल्ली में अपराधी पूरी तरह से बेलगाम हो गए हैं। इसके लिए केंद्र सरकार और बीजेपी प्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार है। दरअसल, बीजेपी विधायक और सदन में प्रतिपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने बहस के दौरान कहा दिया कि लॉ एंड आर्डर सदन का मुद्दा नहीं है। इस मसले को सदन में चर्चा के लिए आप विधायकों ने उठाया था। आप विधायकों ने दिल्ली में आपराधिक घटनाओं को लेकर केंद्र और बीजेपी पर हमला बोला था। इस मसले पर सदन के बाहर भी आप विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया। आप विधायकों ने गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे दिल्ली की कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है। वो पूरी तरह से विफल रहे हैं। विधायक संजीव झा ने कहा कि दिल्ली में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। दिन दहाड़े हत्याएं हो रही है। एक परिवार के ही कई लोगों को मार दिया जा रहा है। यह बेहद शर्मनाक है। गृह मंत्री अमित शाह के घर से 10 किलोमीटर की दूरी पर इस तरह की हत्याएं हो रही हैं और वह कुछ नहीं कर पा रहे है। सुखबीर बादल पर हुए हमले के बाद बीजेपी भी आप सरकार पर सवाल उठा रही है। पंजाब के हालात पहले कैसे थे ये सभी को पता है। उड़ता पंजाब जैसी फिल्में बनती थी पंजाब पर। जब से भगवंत मान की सरकार आई है, तब से पंजाब के हालात सुधरे हैं। उन्होंने लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन किया है। नशे के कारोबार को कम किया है। दिल्ली की कानून व्यवस्था इन लोगों से संभल नहीं रही है। ये पंजाब पर सवाल उठा रहे है।