वरिष्‍ठ आईपीएस अधिकारी कैलाश मकवाणा ने पुलिस महानिदेशक का कार्यभार संभाला

भोपाल : भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष-1988 बैच के वरिष्‍ठ अधिकारी कैलाश मकवाणा ने सोमवार को प्रात:काल मध्‍यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक का कार्यभार ग्रहण किया। पुलिस महानिदेशक का कार्यभार संभालने के लिए पुलिस मुख्‍यालय पहुँचने पर मकवाना को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कैलाश मकवाणा इससे पहले चेयरमेन म.प्र. पुलिस हाउसिंग कॉरर्पोरेशन भोपाल के रूप में पदस्‍थ थे।

भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्‍ठ अधिकारी मकवाणा अभियांत्रिकी में स्‍नातकोत्‍तर (एम.टेक.) हैं। उल्‍लेखनीय पुलिस कार्यो के लिए उन्‍हें वर्ष 2005 में राष्‍ट्रपति के सराहनीय सेवा पदक और वर्ष 2014 में विशिष्‍ट सेवा पदक से सम्‍मानित किया गया था। मकवाणा दंतेवाड़ा, बस्‍तर, मंदसौर व बैतूल जिले के पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। उन्‍होंने अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक प्रबंध, सीआईडी, इंटेलीजेंस, प्रशासन व नारकोटिक्‍स के दायित्‍व का निर्वहन भी किया है। इसके अलावा स्‍पेशल डीजी सीआईडी एवं डीजी (विशेष पुलिस स्‍थापना) लोकायुक्‍त के रूप में भी पदस्‍थ रहे हैं।

पदभार संभालने के बाद मीडिया से चर्चा

मध्यप्रदेश पुलिस के नव नियुक्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाणा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि वह मुख्यमंत्री महोदय का आभार व्यक्त करते हैं कि मुख्यमंत्री जी ने जिस विश्वास और जिम्मेदारी के साथ उन्हें यह दायित्व सौंपा है, वह उसे पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ निभाएंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य में बढ़ते साइबर अपराधों पर काबू पाना उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक होगा। "डिजिटलीकरण और ऑनलाइन लेन-देन में वृद्धि के साथ ही साइबर अपराधों में तेजी आई है। इसे रोकने के लिए पुलिस को तकनीकी दृष्टि से और सक्षम बनाने की आवश्यकता है। साइबर अपराधों से निपटने के लिए मानव संसाधन और तकनीकी उन्नति को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यातायात सुरक्षा को एक बड़ी चुनौती बताते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि यातायात सुरक्षा और जागरूकता अभियान को तेज किया जाएगा। दुर्घटनाओं को कम करने के लिए इंजीनियरिंग डिजाइनों और अन्य विभागों के साथ समन्वय पर ध्यान दिया जाएगा।

डीजीपी ने पुलिस की कार्यशैली में सुधार पर बल देते हुए कहा कि पुलिस थानों में आम जनता के साथ जुड़ाव और उनकी समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा मेरी कोशिश रहेगी कि पुलिस थानों में आम जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुना जाए और समय पर समाधान किया जाए। हमारा लक्ष्य राज्य को सुरक्षित और जनता के लिए भरोसेमंद बनाना है।

मध्यप्रदेश सरकार ने 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ की तैयारियों की शुरुआत कर दी है। उज्जैन में होने वाला यह विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन करोड़ों श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा और आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक महत्व का केंद्र बनेगा। सिंहस्थ 2028 को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और पर्यावरण अनुकूल बनाने की हमारी सर्वोच्‍च प्राथमिकता है। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर शुरू करने और राज्य के पुलिसिंग सिस्टम की गहन समीक्षा करने की बात भी कही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *