पुलिस भर्ती में तय नहीं हो पाया अग्निवीरों का कोटा

भोपाल। देश में अग्रिवीर योजना लागू होने के बाद अद्र्ध सैनिक बलों और राज्यों की सरकारों ने अपने यहां की पुलिसभर्ती में पूर्व अग्रिवीरों के लिए कोटा तय किया है। इसी कड़ी में मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में पूर्व अग्रिवीरों को भर्ती करने की घोषणा की थी, लेकिन उनकी घोषणा के चार माह बाद भी कोटा तय नहीं हो पाया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में अग्निपथ योजना लॉन्च की थी। अग्निपथ योजना के तहत हर साल 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल करने का प्लान है, ये युवा साढ़े 17 साल से 23 साल की उम्र के बीच के होंगे। ये युवा अग्निवीर जवान कहलाएंगे। योजना में युवाओं को 4 साल तक नौकरी का मौका मिलता है। इसके बाद अग्निवीर रिटायर्ड हो जाते हैं। रिटायर्ड होने के बाद अग्निवीरों का क्या होगा, इसको लेकर योजना की शुरुआत से सवाल उठते रहे हैं। अग्निवीरों भविष्य सुरक्षित रहे और अधिक से अधिक युवा अग्निवीर बनने के लिए प्रेरित हों, इसलिए राज्य सरकारें उन्हें पुलिस व सशस्त्र बल में आरक्षण दे रही हैं।

26 जुलाई को सीएम ने की थी घोषणा
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस पर प्रदेश में पूर्व अग्निवीर जवानों को पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, अग्निवीर जवानों को मप्र में पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा। अग्निवीर जवानों की योजना सच्चे अर्थों में सेना के आधुनिकीकरण के साथ योग्य सैनिकों की भर्ती के अलावा वैश्विक स्तर पर सेना को युवा बनाने की योजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल दिवस पर जो संकल्प लिया है, उसका पूर्णत: अनुसरण करते हुए प्रदेश सरकार उनकी भावनाओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेगी। सीएम की घोषणा के चार महीने बाद भी अब तक इस दिशा में कोई कागजी कार्रवाई नहीं हुई। अभी तक यह तय नहीं है कि पूर्व अग्निवीर जवानों को कितने प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा और यह कब से लागू होगा?

विभागों के बीच समन्वय नहीं
 मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सामान्य प्रथा यह है कि मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा करने के बाद सीएम सचिवालय घोषणा को लागू करने के लिए संबंधित विभाग के साथ समन्वय करता है, लेकिन पूर्व अग्निवीरों को आरक्षण के मामले में सीएम सचिवालय और गृह विभाग के अधिकारियों ने सक्रियता नहीं दिखाई। यही वजह है कि अब तक इस संबंध में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। अग्निवीर कोटा के मामले में आरक्षण प्रतिशत तय होने के बाद भर्ती नियम और अन्य विवरणों को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा का कहना है कि पूर्व अग्निवीर जवानों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की प्रक्रिया चल रही है।

कई राज्यों में अग्रिवीरों को आरक्षण
हरियाणा और ओडिशा की भाजपा सरकारों ने पूर्व अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देने का निर्णय लिया है। हरियाणा सरकार ने तय किया है पूर्व अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। जो अग्निवीर 4 साल देश सेवा के बाद खुद का बिजनेस शुरू करना चाहेगा, उसे राज्य सरकार 5 लाख तक का बिना ब्याज लोन देगी। ओडिशा ने वर्दी सेवाओं में पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत कोटा और आयु सीमा में पांच साल की छूट देने का निर्णय लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पूर्व अग्निवीरों के लिए केंद्रीय बलों और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियां आरक्षित करने का निर्णय लिया है। सीआईएसएफ और बीएसएफ ने पूर्व अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है।

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