नई दिल्ली। बुलेट ट्रेन चलाने के लिए केंद्र सरकार ने सर्वे शुरू कर दिया है। इस परियोजना के लिए हरियाणा और पंजाब के 343 गांवों से जमीन का अधिग्रहण होगा। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पूरी होने के बाद दिल्ली-अमृतसर के बीच बुलेट ट्रेन चलाई जाएगी। केंद्र सरकार की योजना दस रूटों पर बुलेट ट्रेन चलाने की है। इनकी फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। दिल्ली-अमृतसर रूट पर तो अब सर्वे शुरू हो चुका है और जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों से बातचीत भी शुरू हो चुकी है।
बुलेट ट्रेन चलने से दिल्ली से अमृतसर जाने में बहुत कम समय लगेगा। बुलेट ट्रेन औसतन 250 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलेगी। इसलिए यह दिल्ली-अमृतसर की 465 किलोमीटर की दूरी तय करने में दो घंटे से भी कम समय लेगी। हरियाणा के रास्ते दिल्ली से अमृतसर तक के रूट में हर जिले में एक स्टेशन बनाया जाएगा।इस प्रोजेक्ट पर 61 हजार करोड़ की लागत आने का अनुमान है। दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के कुल 343 गांवों में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। पंजाब के 186 गांवों से जमीन ली जाएगी, जिसमें मोहाली के 39, जालंधर के 49, लुधियाना के 37, अमृतसर के 22, फतेहगढ़ साहिब के 25, कपूरथला के 12 तथा तरनतारन व रूपनगर के एक-एक गांव शामिल हैं। दिल्ली-अमृतसर बुलेट ट्रेन रूट की कुल लंबाई 465 किलोमीटर होगी। बुलेट ट्रेन दिल्ली से वाया बहादुरगढ़, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, चंडीगढ़, लुधियाना, जालंधर होती हुई अमृतसर पहुंचेगी। दिल्ली से अमृतसर के बीच यह बुलेट ट्रेन चंडीगढ़ समेत कुल 15 स्टेशनों पर रुकेगी। ट्रेन की अधिकतम गति 350 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। चलने की गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा जबकि औसत गति 250 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। एक बार में यह ट्रेन लगभग 750 यात्रियों को ले जाने में सक्षम होगी।