मांदर की थाप, आकर्षक वेशभूषा और आदिवासी लोक नृर्तकों की लयबद्धता भला किसको आकर्षित नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी अपने आप को नहीं रोक सके और अपने गृहग्राम बगिया में कर्मा दलों के आग्रह पर सपत्निक शामिल होकर नृत्य किया।
एक मंझे लोक कलाकार की तरह नृत्य करते हुए मुख्यमंत्री साय को देखकर जनमानस को सुखद अनुभूति हो रही थी कि उनमें आदिवासी संस्कृति के प्रति वहीं आदर भाव और सम्मान है।
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जशपुर अंचल सहित पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में कर्मा नृत्य सुप्रसिद्ध है। यह आदिवासी समाज का प्रमुख नृत्य है।
भादो मास की एकादशी को उपवास के पश्चात् करमवृक्ष की शाखा को घर के आंगन या चौगान में रोपित किया जाता है। दूसरे दिन कुल देवता को नवान्न समर्पित करने के बाद ही उसका उपभोग शुरू होता है।
कर्मा नृत्य नई फ़सल आने की खुशी में किया जाता है।