भोपाल : स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये समाज के सभी वर्गों के बीच कौशल उन्नयन को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने आज की जरूरत के मुताबिक ट्रेडों पर कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण दिये जाने पर जोर दिया। स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने मंत्रालय में अधिकारियों से चर्चा के दौरान यह बात कही।
मध्यप्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के मध्य एमओयू किया गया। एमओयू के बाद प्रदेश में राष्ट्रीय मुक्त शिक्षा संस्थान से 93 प्रकार के कौशल उन्नयन के कोर्स किये जा सकेंगे। एमओयू पर संचालक प्रभात राज तिवारी और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) के सचिव शकील अहमद द्वारा हस्ताक्षर किये गये। कौशल विकास के पाठ्यक्रम शुरू होने से जन-सामान्य और लाड़ली बहना लाभान्वित होंगी।
नई शिक्षा नीति-2020 में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास को मुख्य-धारा में लाने पर जोर दिया गया है। दोनों संस्थान प्रदेश के इच्छुक युवाओं को कम्प्यूटर और इंटरनेट प्लेटफार्म से भी व्यावसायिक शिक्षा का अवसर प्रदान करेंगे। प्रदेश में शैक्षिक पाठ्यक्रम में व्यावसायिक शिक्षा को कक्षा-6वीं से ही शामिल किया जायेगा। इसके बाद इन्हें उच्च शिक्षा से भी जोड़ा जायेगा।
महिलाओं के प्रशिक्षण पर जोर दिया जायेगा
संस्थान के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि लाड़ली बहना से लाभान्वित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये उनकी रुचि के अनुसार प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था की जायेगी। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के देशभर में 23 क्षेत्रीय केन्द्र और 7 हजार से अधिक अध्ययन केन्द्र संचालित हो रहे हैं। शिक्षार्थियों को नामांकन करने, परीक्षा लेने और उत्तीर्ण शिक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये जायेगे। यह प्रमाण-पत्र उन्हें रोजगार दिलाने और स्वयं का रोजगार शुरू करने में मददगार साबित होगा।