दिल्ली में प्रदूषण कम होने के बाद ग्रैप-3 की पाबंदियाँ खत्म, कार्यों पर नहीं रहेगी रोक

दिल्ली: दिल्ली-NCR में रहने वालों के लिए एक राहतभरी खबर आई है. वायु प्रदूषण में कमी के चलते केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को हटा दिया है. इससे कई तरह की पाबंदियां खत्म हो गई हैं. जिससे उद्योगों, निर्माण कार्यों और आम जनता को राहत मिलेगी. हालांकि ग्रैप-1 और ग्रैप-2 के तहत लागू कुछ प्रतिबंध अभी भी जारी रहेंगे. पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली-NCR के इलाकों में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत खराब और गंभीर श्रेणी में बना हुआ था. इसी वजह से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रैप-3 लागू किया था. जिससे निर्माण कार्यों, औद्योगिक गतिविधियों और कुछ वाहनों की आवाजाही पर रोक लगी थी. हालांकि हाल के दिनों में हवा की गुणवत्ता में सुधार देखा गया है. जिससे आयोग ने इन प्रतिबंधों को हटाने का फैसला लिया.

क्या होता है ग्रैप सिस्टम?
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू किया जाने वाला एक विशेष फॉर्मूला है. यह चार अलग-अलग चरणों में विभाजित होता है. ग्रैप-3 हटने के बाद कई प्रतिबंधों को हटा दिया गया है, जिनमें शामिल हैं. बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों पर से रोक हटा दी गई है. जिससे अब ये वाहन बिना किसी पाबंदी के सड़कों पर चल सकेंगे. निर्माण और विध्वंस (C&D) गतिविधियों पर लगे प्रतिबंध हटा दिए गए हैं. जिससे रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को फायदा होगा. सड़कों पर मरम्मत और निर्माण कार्य अब दोबारा शुरू हो सकेगा. ईंट-भट्ठों और अन्य औद्योगिक गतिविधियों को भी राहत मिलेगी.

जनता को क्या फायदा होगा?
हालांकि, वायु प्रदूषण से पूरी तरह राहत नहीं मिली है. इसलिए ग्रैप-1 और ग्रैप-2 के तहत कुछ पाबंदियां अब भी लागू रहेंगी. इसमें खुले में कचरा जलाने, औद्योगिक उत्सर्जन पर सख्ती और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर नियंत्रण जैसी पाबंदियां शामिल हैं. ग्रैप-3 हटने से दिल्ली-NCR में रहने वाले लोगों को राहत मिलेगी. खासतौर पर निर्माण कार्यों से जुड़े मजदूरों, बिल्डरों और व्यवसायों को इसका सीधा लाभ होगा. वहीं यातायात प्रतिबंधों में ढील मिलने से आम लोग भी अब बिना किसी दिक्कत के अपने वाहनों का इस्तेमाल कर सकेंगे. हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण से पूरी तरह निजात पाने के लिए सरकार को दीर्घकालिक समाधान तलाशने होंगे, ताकि हर साल दिल्ली और उसके आसपास की हवा जहरीली न हो.

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