मंकीपॉक्स का नया वेरिएंट इंग्लैंड में फैला, क्लेड इब के लक्षण से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

युगांडा से इंग्लैंड लौटे ईस्ट ससेक्स के एक 42 वर्षीय व्यक्ति में खतरनाक क्लेड इब एमपॉक्स के लक्षण पाए गए हैं। यूनाइटेड किंगडम हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी ने इस बात की पुष्टि की है। युगांडा में इस समय क्लेड इब एमपॉक्स फैला हुआ है।

एजेंसी का कहना है कि ब्रिटेन में अब भी इस संक्रमण का खतरा कम है। अक्टूबर 2024 के बाद यह इंग्लैंड में छठा मामला है। हालांकि यह नया मामला पहले के मामलों से अलग है। इस नए मामले का समय पर पता लगाने में डॉक्टरों और विशेषज्ञों की सतर्कता का अहम योगदान रहा है। अब तक ब्रिटेन में इस नए मामले के बाद खतरा कम है और किसी भी संभावित प्रसार को रोकने के लिए तेजी से कदम उठाए जा रहे हैं। नए मामले से संपर्क में आए लोगों की निगरानी की जा रही है और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए उनकी जांच की जाएगी और जरूरी इलाज के साथ टीकाकरण भी किया जाएगा। एमपॉक्स एक संक्रामक रोग है, जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है। इस वायरस के दो मुख्य क्लेड होते हैं- क्लेड-वन और क्लेड-टू। यह वायरस संपर्क के माध्यम से फैलता है, जैसे त्वचा से त्वचा का संपर्क, यौन संपर्क, और शारीरिक तरल पदार्थों का आदान-प्रदान। गर्भवती महिलाओं के लिए यह वायरस गर्भ में उनके बच्चे तक भी पहुंच सकता है।

इन्हें होता है ज्यादा खतरा
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि एमपॉक्स से सबसे अधिक प्रभावित होने का खतरा स्वास्थ्य कर्मियों, संक्रमित व्यक्ति के करीबी संपर्क में रहने वालों, कई यौन साझेदारों वाले व्यक्तियों और यौनकर्मियों को होता है। हाल के महीनों में, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन और अमेरिका जैसे देशों में भी क्लेड इब एमपॉक्स के मामले सामने आए हैं। भारत के बेंगलुरु शहर में 22 जनवरी को एमपॉक्स का एक संदिग्ध मामला सामने आया। इस संक्रामक बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना आवश्यक है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार मंकीपॉक्स का कोई विशेष इलाज नहीं है। इसका उपचार मुख्य रूप से चकत्तों की देखभाल, दर्द को नियंत्रित करने और जटिलताओं को रोकने पर ध्यान केंद्रित करना है।

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