Sunny Deol: आज का एक्शन सिनेमा VFX पर डिपेंड है. 21वीं सदी में धड़ल्ले से रिलीज हो रहीं एक्शन फिल्मों में VFX की भरमार है. लेकिन 90 के दशक में सनी देओल अपनी मारधाड़ वाली फिल्मों से मशहूर थे. इसमें में घातक, घायल और दामनी जैसे ब्लॉकबस्टर फिल्में शामिल हैं, जिसमें खूब एक्शन देखा गया था. इसी दौरान सनी देओल की एक और एक्शन ड्रामा फिल्म रिलीज हुई थी, जिसमें ना तो कोई VFX और ना ही कोई टेक्निक का इस्तेमाल हुआ था, फिर भी 1000 लोगों को 2000 हजार में बदल दिया था.
'अर्जुन' में बारिश के सीन के पीछे की मेहनत
एक्शन फिल्मों में VFX के जरिए एक से हजार लोगों को लाइन में खड़ा किया जा सकता है. वहीं, साल 1985 में रिलीज हुई फिल्म 'अर्जुन' के लिए डायरेक्टर को खूब माथापच्ची करनी पड़ी थी. इस फिल्म का बजट महज 1.5 करोड़ रुपये था और डायरेक्टर को एक बारिश का सीन शूट करना था. इस सीन में डायरेक्टर को छाता पकड़े लोगों की भीड़ दिखानी थी, लेकिन जब कोई VFX जैसी कोई टेक्निक नहीं थी. डायरेक्टर को इस सीन को शूट करने में दो दिनों का समय लगा. वो इसलिए क्योंकि सनी देओल शूट के दौरान बार-बार इन छातों के बीच फंस जाते थे.
छातों का जादू
इस सीन में लोगों के चेहरे भी नहीं दिखाने थे. ऐसे में डायरेक्टर ने 1000 लोगों के हाथ में दो-दो छाते पकड़ा दिए, जिससे ये 2000 नजर आने लगे. इसके बाद इस सीन को बड़ी मशक्कत के बार पूरा कर लिया गया. इस सीन में सत्यजीत पुरी को गुंडों पर हमला करना होता है और उन्हें अपनी जान बचाकर भागना है. शॉट्स में बारिश दिखानी थी, लेकिन कैमरे पर पानी की वजह से सीन हो नहीं रहा था, इसी कारण शूटिंग रोकनी पड़ी. वहीं, दो-दो छाता लिए खड़े लोगों की आंखों में छातों का कोना लग रहा था. गौरतलब है कि अर्जुन की कहानी जावेद अख्तर ने अखबार की एक खबर से प्रेरित होकर लिखी थी.