अफसर और रसूखदारों को मिलता था काली कमाई का हिस्सा

भोपाल । पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी में जांच एजेंसियों को अकूत संपत्ति बरामद हुई है। लगातार चल रही कार्रवाई से प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। इस बीच सौरभ शर्मा की डायरी में कई अहम जानकारी मिली, जिसमें  चेकपोस्ट से लेकर आरटीओ के लेनदेन और बकाया राशि का पूरा हिसाब लिखा जाता था। डायरी में ञ्जरू और ञ्जष्ट की मुहर लगती थी। इस मामले में कई पूर्व मंत्रियों पर भी कथित आरोप लग रहे हैं। सौरभ की डायरी में किस चेक पोस्ट से कितने करोड़ की कमाई होती थी, इसका ब्यौरा भी मिला है। सेंधवा चेकपोस्ट, इंदौर आरटीओ से सबसे ज्यादा काली कमाई आती थी।हर महीने 19 चेकपोस्ट से 161 करोड़ रुपए आते थे। वहीं, 51 आरटीओ कार्यालयों से 136 करोड़ रुपए की कमाई होती थी। काली कमाई का हिस्सा हर महीने नेता, अफसर, रसूखदारों को मिलता था। सेंधवा चेकपोस्ट से हर महीने सबसे ज्यादा 40 करोड़ की वसूली होती थी। सबसे कम 50 लाख रुपए रामनगर तिराहा, कराहल चेकपोस्ट से मिलते थे। वहीं, नयागांव से 20, खवासा, सिकंदरा से 15-15, शाहपुर, मुलताई चेकपोस्ट से 10-10 करोड़ की वसूली होती थी।

आरटीओ कार्यालय का हिसाब डी कोड
इंदौर आरटीओ कार्यालय से हर महीने सबसे ज्यादा 9 करोड़ की काली कमाई आती थी। सबसे कम 62 लाख रुपए अलीराजपुर आरटीओ कार्यालय से आते थे। भोपाल, छिंदवाड़ा आरटीओ कार्यालय से 4 करोड़ की राशि आती थी। उज्जैन, जबलपुर से साढ़े 6-6 करोड़, सागर, रीवा, ग्वालियर कार्यालय से 5-5 करोड़ की वसूली होती थी।

आईटी ने बरामद किया था सोना और कैश
गौरतलब है कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त ने राजधानी भोपाल में छापामार कार्रवाई की थी। वहीं 19 दिसंबर को मेंडोरी गांव के कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी की एक लावारिस क्रिस्टा गाड़ी खाली प्लॉट पर खड़ी है। जिसमें 6 से 7 बैग रखे हुए हैं। कैश का अंदेशा होने की वजह से आयकर विभाग को सूचित किया गया था। जिसके बाद आईटी की टीम ने कांच तोडक़र अंदर से बैग बाहर निकला, जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये कैश बरामद किया गया था।

सौरभ के घर से मिले थे करोड़ों रुपये
लोकायुक्त टीम ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के अरेरा कॉलोनी स्थित निवास पर भी छापा मारा था। जहां से वाहन, घर के सामान, आभूषण और नगद जिसकी कुल कीमत 3 करोड़ 86 लाख रुपये है। वहीं आरोपी के कार्यालय जहां उनका सहयोगी चेतन सिंह गौर का निवास भी है, वहां से चांदी और नगद, कुल 4 करोड़ 12 लाख की संपत्ति बरामद की गई थी।बताया जा रहा है कि प्रदेश के अलग-अलग जगह पर बेनामी संपत्ति के दस्तावेज भी मिले थे। सौरभ शर्मा को पिता की जगह अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। उन्होंने सिर्फ 10-12 साल की नौकरी की, फिर परिवहन विभाग से वीआरएस ले लिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *