विश्वविद्यालय क्षेत्रीय संसाधनों और परिवेश की संभावनाओं को पहचाने : राज्यपाल पटेल

भोपाल : राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं में उच्च गुणवत्ता को लक्ष्य बनाए। लक्ष्य और प्राप्ति के प्रयासों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में विश्वविद्यालयों को पर्याप्त स्वायत्ता दी गई है। जरूरी है कि कुलगुरू अपनी क्षमताओं, विश्वविद्यालय के संसाधनों और आस-पास के परिवेश के अनुसार विकास की संभावनाओं की पहचान करें।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में अपने सीमित दायरे से बाहर निकलें। वर्तमान की मांग और भविष्य की संभावनाओं पर कार्ययोजना तैयार करें। उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि टॉस्क फोर्स बना कर समय-सीमा में सभी विश्वविद्यालयों की कार्ययोजना तैयार कराई जाए।

राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को राजभवन में आयोजित शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलगुरूओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे।  उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल और पशुपालन एवं डेयरी विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल भी मौजूद थे।

विद्यार्थी कल्याण के लिए संवेदनशील रहें : राज्यपाल पटेल

राज्यपाल पटेल ने कुलगुरूओं से कहा है कि विद्यार्थी कल्याण के विषयों के प्रति संवेदनशील रहें। अभिभावक अपने बच्चें सरकार के भरोसे पर शासकीय विश्वविद्यालयों में भेजते हैं। उनकी देख-भाल पालक के दृष्टिकोण के साथ की जाए। उन्होंने कहा कि कुलगुरू नियमित आधार पर छात्रावास, मेस, खेल सुविधाओं और कक्षाओं का नियमित निरीक्षण भी करें।

रोजगार की क्षेत्रीय संभावनाओं के लिए पाठ्यक्रम बनाए

राज्यपाल पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय क्षेत्रीय स्तर पर रोजगार की सम्भावनाओं को बढ़ाने वाले पाठ्यक्रमों पर फोकस करें। डिग्री, डिप्लोमा के साथ ही मांग आधारित पाठ्यक्रम भी प्रारम्भ किये जाएं। स्थानीय उद्योगों, व्यवासायिक प्रतिष्ठानों की आवश्यकताओं के अनुसार मानव संसाधन की उपलब्धता के रोजगार लिए संबद्ध विषयों के अध्ययन की व्यवस्था भी की जानी चाहिए। उन्होंने विश्वविद्यालय में खेल सुविधाओं की उपलब्धता और उनके उन्नयन के लिए भी विशेष प्रयास करने की जरूरत बताई। राज्यपाल पटेल ने कहा कि  रेडक्रास की गतिविधियों में विद्यार्थियों की अधिकाधिक सहभागिता की जाए।

रोज़गार आधारित कोर्स प्रारंभ करने बनाएं प्लॉन – मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय बहु विषयक आत्मनिर्भर विश्वविद्यालय बनें। परम्परागत विषयों के साथ ही मांग आधारित और रोजगार की उच्च संभावनाओं वाले कोर्स प्रारंभ करने विशेष प्रयास करें।

ऑनलाईन वैल्यूएशन कार्य को बढ़ावा दें

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रदान स्वायत्ता के आधार पर व्यवस्थाओं को सुचारू बनाएं। विद्यार्थियों को प्रवेश की सुविधा, उत्कृष्ट शिक्षा, समय पर परीक्षा और तत्काल परिणाम घोषणा के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए। परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के ऑनलाइन मूल्यांकन की व्यवस्था को बढ़ावा दें। इसी तरह प्रवेश के समय ही अंकसूची और डिग्री वितरण के लिए आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा किया जाए, जिससे विद्यार्थियों के डीजी लॉकर में उनकी त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित हो।

शासकीय विश्वविद्यालयों को मिलेगा पूरा सहयोग

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार उच्च शिक्षण संस्थानों की बेहतरी के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालयों को पूरा सहयोग सरकार दे रही है। विश्वविद्यालयों को वित्तीय, भौतिक और मानव संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में सरकार ने नवीन पहल कर संसाधन सम्पन्न बनाया है। विश्वविद्यालयों का स्टॉफ सरकार के लिए शासकीय सेवकों के समान ही महत्वपूर्ण है।

स्व-वित्तीय व्यवस्था पर मंथन करें विश्वविद्यालय

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर होना होगा। विश्वविद्यालय की उत्कृष्टता के लिए संसाधन और संभावनाओं के दोहन के लिए नई दूरदृष्टि के साथ कार्य करना होगा। इसके लिए निज संसाधनों, स्व-वित्त पोषित और पीपीपी मॉडल की उपयुक्तता के संबंध में कुलगुरूओं को अपनी प्रतिभा और सामर्थ्य का प्रदर्शन करना होगा। विश्वविद्यालय की भौतिक एवं शैक्षणिक आवश्यकताओं को बेहतर करना, कुलगुरूओं का दायित्व है। जिसके आधार पर उनके कार्य का मूल्यांकन भी किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि परम्परागत, तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रम आधारित विश्वविद्यालयों को उनके कार्य क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्रों में विस्तारित करना चाहिए।

डिजिटल वैल्यूएशन विद्यार्थी के हित में : उच्च शिक्षा मंत्री सिंह

बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि परीक्षाओं का प्रभावी, पारदर्शी और निष्पक्ष संचालन जरूरी है। डिजिटल वैल्यूएशन विद्यार्थी हितों के अनुकूल है। विश्वविद्यालय परीक्षा मूल्यांकन संबंधी कार्यों में आधुनिक तकनीक का बेहतर इस्तेमाल करें। समय पर परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए डिजिटल वैल्यूएशन प्रणाली की संभावनाओं को तलाशा जाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में राशियों के जमा करने की व्यवस्था का भी परीक्षण करें। विश्वविद्यालय के विकास में राशि के उपयोग और निवेश के संबंध में भी कार्यवाही की जाना चाहिए।

बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव के.सी. गुप्ता, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, प्रमुख सचिव संस्कृति डॉ. शिव शेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा संदीप यादव, प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी उमाकांत उमराव सहित सभी शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलगुरू और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

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