बीजापुर मुठभेड़ में 16 लाख के 8 इनामी नक्सली ढेर, ACM कमलेश भी मारा गया

बीजापुर

पश्चिम बस्तर डिवीजन के तोड़का-कोरचोली जंगल क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच शनिवार को हुए मुठभेड़ में 8 नक्सली मारे गए. मारे गए माओवादियों में एक एरिया कमेटी मेंबर (ACM) का माओवादी कमलेश नीलकंठ भी शामिल है, जिस पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था. मुठभेड़ में मारे गए कुल 8 नक्सलियों पर 16 लाख रुपये का इनाम था. मुठभेड़ स्थल से जवानों ने एक नाग इंसास रायफल, दो 12 बोर बंदूकें, एक BGL लॉन्चर और अन्य बारूदी सामग्री बरामद की है.

प्रेस कांफ्रेंस कर मुठभेड़ की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि यह मुठभेड़ 31 जनवरी 2025 को हुई, जब गंगालूर थाना क्षेत्र के तोड़का कोरचोली जंगल एरिया में प्रतिबंधित माओवादी संगठन अंतर्गत पश्चिम बस्तर डिवीजन के DVCM दिनेश, PLGA कंपनी नंबर 02, PLGA Platoon & Militia company के सशस्त्र माओवादियों cadres की उपस्थिति की सूचना मिली. सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने डीआरजी, एसटीएफ, कोबरा 202 और केरिपु 222 वाहिनी के जवानों के साथ मिलकर माओवादी विरोधी अभियान चलाया. 1 फरवरी को सुबह 8:30 बजे माओवादी और सुरक्षा बलों के बीच कई बार मुठभेड़ हुई, जिसमें 8 माओवादी ढेर हो गए. मुठभेड़ में दो DRG जवानों को मामूली चोटें आईं, लेकिन उनकी स्थिति अब सामान्य है.

मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की जानकारी
कमलेश नीलकंठ (24 वर्ष) (एरिया कमेटी सदस्य) – 5 लाख रुपये का इनाम
ताती कमलू (30 वर्ष) (LOS सदस्य) – 3 लाख रुपये का इनाम
मंगल ताती (35 वर्ष) (LOS सदस्य) – 3 लाख रुपये का इनाम
लच्छु पोटाम (40 वर्ष) (मिलिशिया कमांडर) – 1 लाख रुपये का इनाम
शंकर ताती (26 वर्ष) (आरपीसी उपाध्यक्ष) – 1 लाख रुपये का इनाम
राजू ताती (सावनार आरपीसी उपाध्यक्ष) – 1 लाख रुपये का इनाम
विज्जू पदम (22 वर्ष) (मिलिशिया कंपनी सदस्य) – 1 लाख रुपये का इनाम
सन्नू ताती (40 वर्ष) (जनताना सरकार कमांडर) – 1 लाख रुपये का इनाम

32 दिनों में मारे गए 33 हार्डकोर माओवादी
पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, सुन्दरराज पी. ने बताया कि 2024 में नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिली थी और 2025 में भी बस्तर संभाग में माओवादी गुटों के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी. पिछले 32 दिनों में 33 हार्डकोर माओवादी मारे गए हैं. माओवादियों के तमाम साजिश और कायराना हरकतों के बावजूद भी सुरक्षा बल सदस्यों द्वारा मजबूत मनोबल एवं स्पष्ट लक्ष्य के साथ बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा व विकास के लिए समर्पित होकर कार्य किया जा रहा हैl विगत 4-5 दशकों से बस्तर क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और विश्वास का दुश्मन बना हुआ है नक्सल संगठन अपना अंतिम सांस ले रहा है. क्षेत्र की जनता के जानमाल की रक्षा करने के दायित्वों का पुलिस और सुरक्षा बलों के सदस्यों द्वारा अपनी जान की परवाह न करते हुए पूर्ण समर्पित भाव से कार्य निर्वहन किया जा रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *