देहरादून। सिख सेवक जत्थे की 63 वीं वर्ष गांठ के उपलक्ष्य में मीरी पीरी के मालिक छठे गुरु श्री गुरु हरगोबिंद साहिब जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा एवं उत्साह पूर्वक कथा -कीर्तन के रूप में मनाया गया। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार में आयोजित कार्यक्रम में नितनेम के पश्चात नरेंद्र सिंह ने आसा की वार का शब्द गायन किया,श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग के पश्चात बेबे नानकी सेवक जत्थे व हजुरी रागी भाई गुरदयाल सिंह जी ने शब्द गायन किया। हैड ग्रंथी ज्ञानी शमशेर सिंह ने कहा कि गुरु हरगोबिंद साहिब का जीवन एक बड़े योद्धा के रूप में व परोपकारी वाला रहा है मीरी -पीरी की दो तलवारें पहन कर गुरु जी ने धर्म और राजनीति का सुमेल किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से पावंटा साहिब से आऐ रागी भाई अमनप्रीत सिंह ने शब्द “पंज प्याले पंज पीर छटम पीर बैठा गुर भारी” का शब्द गायन किया ll गु. श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान स.गुरबक्श सिंह राजन को सम्मान चिन्ह दे कर सम्मानित किया गया। प्रधान स. गुलज़ार सिंह जी ने संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी व सहयोग हेतु धन्यवाद दिया।उपरंत पूर्व महासचिव स्वर्गीय स.सेवा सिंह मठारू जी के परिवार को उनकी सेवाओं हेतु सम्मानित किया, गुरू महाराज जी का आशीर्वाद लेने पहुँचे श्री विशाल गुप्ता को समर्पित चिन्ह व शाल देकर सम्मानित किया व सतिंदर सिंह,बाबा परिवार,गुरप्रीत सिंह छाबड़ा,बेबे नानकी जत्था को उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया। मंच का संचालन महासचिव दविंदर सिंह भसीन व सतनाम सिंह के द्वारा संगतों को आने वाली 30 जून को विशेष कथा -कीर्तन दरबार में हाज़िरी भरने की बेनती की। सब के भले की अरदास हैड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह ने की। कार्यक्रम के पश्चात संगत ने गुरु का लंगर प्रसाद छका। इस अवसर पर जत्थे के प्रधान स. गुलजार सिंह, लीगल ऐडवाइजर स. गुरदीप सिंह टोनी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजिंदर सिंह राजा, उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह कोहली, महासचिव दविंदर सिंह भसीन, कोषाध्यक्ष सतनाम सिंह, सचिव अरविन्दर सिंह, गु. सिंह सभा के प्रधान गुरबक्श सिंह राजन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगमिंदर सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष चरणजीत सिंह चन्नी, कोषाध्यक्ष मनजीत सिंह, जत्थे के जत्थेदार सोहन सिंह, आरएस राणा, गुरप्रीत सिंह जौली, अमरजीत सिंह छाबड़ा, अरविन्द सिंह, गुरदियाल सिंह, हरजीत सिंह नत्था, हरभजन सिंह, दिलबाग सिंह, जगमोहन सिंह, अरविन्द सिंह, सुरेंद्र सिंह व अजीत सिंह आदि कार्यक्रम को सुचारु रूप से चलने में सहयोग प्रदान कर रहे थे।