10 राज्यों में लगे हैं 40 बिलबोर्ड, प्राण-प्रतिष्ठा से पहले अमेरिका में रामलला की धूम…

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले दुनिया भर में कई कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इस बीच अमेरिका (USA) से भी इसी तरह की खबर सामने आई है।

भगवान राम और उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे उनके भव्य मंदिर के बड़े-बड़े होर्डिंग अमेरिका के 10 से अधिक राज्यों में लगाए गए हैं।

इन अमेरिकी राज्यों की सड़कों से लेकर शहरों तक, ये होर्डिंग भगवान राम के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की झलक दिखा रहे हैं।

विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), यूएस चैप्टर ने पूरे अमेरिका के हिंदुओं के साथ मिलकर, 10 राज्यों में 40 से अधिक बिलबोर्ड लगाए हैं। टेक्सास, इलिनोइस, न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी और जॉर्जिया सहित अन्य राज्यों में बिलबोर्ड की संख्या बढ़ रही है।

इसके अलावा, वीएचपी की अमेरिकी शाखा ने बताया कि एरिजोना और मिसौरी जैसे राज्यों में भी सोमवार, 15 जनवरी से शुरू होने वाले इस दृश्य उत्सव की झलक देखने को मिलेगी।

हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका के महासचिव अमिताभ वीडब्ल्यू मित्तल ने एएनआई को बताया, “इन बिलबोर्डों द्वारा दिया गया शानदार संदेश यह है कि हिंदू अमेरिकी जीवन में एक बार होने वाले इस आयोजन में भाग लेने के लिए उत्साहित और आनंदित हैं।

वे प्रतिष्ठा समारोह के शुभ दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।” अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के उपलक्ष्य में, पूरे अमेरिका में हिंदू अमेरिकी समुदाय ने कई कार रैलियां आयोजित की हैं और अयोध्या में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए कई और कार्यक्रमों की योजना बनाई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को भव्य मंदिर के गर्भगृह के अंदर श्री राम लला की मूर्ति की औपचारिक स्थापना में शामिल होंगे। अयोध्या में भव्य मंदिर के उद्घाटन के लिए सभी क्षेत्रों के कई नेताओं और गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है।

मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, यह समारोह 16 जनवरी से शुरू होकर सात दिनों की अवधि में आयोजित किया जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को दोपहर में राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला को विराजमान करने का निर्णय लिया है।

अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होंगे।

इससे पहले, अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में कैपिटोल हिल में आज के शासन में रामायण की शिक्षाओं को एकीकृत करने पर केंद्रित एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें समकालीन भूराजनीति में सांस्कृतिक विरासत की महत्ता पर जोर दिया गया।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, एक गैर लाभकारी संगठन ‘हिंदूएक्शन’ द्वारा बुधवार को कैपिटोल हिल में ‘रामायण अक्रॉस एशिया एंड बियॉन्ड’ कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें राजनयिक और सांसद शामिल हुए।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह सम्मेलन समकालीन भूराजनीति में सांस्कृतिक विरासत की महत्ता पर जोर देता है। इसका मुख्य संदेश आज के शासन में रामायण की शिक्षाओं को एकीकृत करना है।

अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। संधू ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यूएस कैपिटोल में कांग्रेस सदस्य मैक्स मिलर, श्री थानेदार और अमेरिका में थाइलैंड के राजदूत तानी संगरत के साथ ‘एशिया में रामायण : हिंद-प्रशांत की साझा सांस्कृतिक विरासत’ कार्यकम में शामिल होकर खुशी हुई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रामायण का कालातीत ज्ञान हिंद-प्रशांत और उससे आगे की भौगोलिक सीमाओं से परे है।’’

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