निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. यदि अंग्रेजी कैलेंडर की बात करें तो निर्जला एकादशी का व्रत मई या जून के महीने में आता है. इस साल निर्जला एकादशी के दिन 3 शुभ संयोग बन रहे हैं, उसके अलावा व्रत के पारण वाले दिन तो 5 शुभ संयोग बन रहे हैं. जिस वजह से निर्जला एकादशी का व्रत और भी विशेष फलदायी हो गया है.
3 शुभ संयोग में निर्जला एकादशी व्रत
इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 18 जून मंगलवार को है. व्रत वाले दिन 3 शुभ संयोग बन रहे हैं. निर्जला एकादशी पर त्रिपुष्कर योग, शिव योग और स्वाति नक्षत्र का अद्भुत संयोग है. उस दिन त्रिपुष्कर योग 03:56 पीएम से पारण वाले दिन 19 जून को 05:24 एएम तक है. वहीं स्वाति नक्षत्र प्रात:काल से प्रारंभ होकर 03:56 पीएम तक है. शिव योग भी प्रात:काल से लेकर रात 09 बजकर 39 मिनट तक है.
ये दोनों योग और नक्षत्र शुभ कार्यों के लिए अच्छे माने जाते हैं. शिव योग बेहद शुभ माना जाता है, इसमें आप मंत्र जाप और उसका प्रयोग करके लाभ पा सकते हैं. त्रिपुष्कर योग में आप जो भी शुभ कार्य करते हैं, उसका तीन गुना फल प्राप्त होता है.
निर्जला एकादशी के पारण वाले दिन 5 शुभ संयोग
निर्जला एकादशी व्रत का पारण 19 जून को होना है. उस दिन तो 5 शुभ संयोग बन हैं. 19 जून को सिद्ध योग प्रात:काल से रात 09 बजकर 12 मिनट तक रहेगा, वहीं विशाखा नक्षत्र प्रात:काल से शाम 05:23 पीएम तक है.
पारण के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं. ये तीनों शुभ योग 19 जून को शाम 05:23 पीएम से अगले दिन 20 जून को 05:24 एएम तक रहेगा.
ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि की शुरूआत: 17 जून, 04:43 ए एम से
ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि की समाप्ति: 18 जून, 06:24 ए एम पर
निर्जला एकादशी व्रत के पारण का समय: 19 जून, 05:24 ए एम से 07:28 ए एम के बीच
द्वादशी तिथि समापन का समय: 07:28 ए एम पर