दिल्ली में प्रदूषण पर लगाम लगाने की कवायद एलजी ने सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स की तैनाती को दी मंजूरी

नई दिल्ली । दिल्ली में वायु प्रदूषण से हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं। राजधानी में एक्यूआई 334 के साथ बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। शहर में वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण 15।4 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ वाहनों से निकलने वाला धुंआ रहा है। इस बीच उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कदम उठाया है। दरअसल, दिल्ली में मौजूदा वायु प्रदूषण संकट को कम करने के प्रयासों को बढ़ाने के उद्देश्य से, एलजी वी के सक्सेना ने 1 नवंबर से 28 फरवरी तक चार महीने की अवधि के लिए नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों (सिविल डिफेंस वालिंयटर ) की तैनाती को मंजूरी दे दी है। बता दें कि राजधानी दिल्ली की हवा बेहद जहरीली होती जा रही है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार अगले दो दिनों तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में सबसे अधिक हिस्सेदारी वाहनों से होने वाला उत्सर्जन का होगा और यह करीब 10 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान है। राष्ट्रीय राजधानी में प्रतिदिन शाम चार बजे दर्ज किया जाने वाला 24 घंटे का औसत एक्यूआई 334 रहा।  आनंद विहार के निगरानी केंद्र के मुताबिक इलाके में वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। देशभर में दिल्ली सहित तीन वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में आबोहवा बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई। बिहार के हाजीपुर केंद्र पर एक्यूआई 427 दर्ज किया जो गंभीर श्रेणी में आता है। इसके अलावा उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने सरकार से बस मार्शलों के लिए अलग से एक योजना बनाने पर ठोस कदम उठाने का भी आग्रह किया है। एलजी ने मुख्यमंत्री को लिखे अपने नोट में बस मार्शलों की भूमिका, उनके औचित्य और सेवा शर्तों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने वाली इस योजना को कैबिनेट द्वारा पास करने के लिए कहा है और इनके लिये पदों के निर्माण और बजटीय प्रावधान करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है।

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