आरबीआई के नए गवर्नर मल्होत्रा के लिए ये पहली गुड न्यूज, मंहगाई हुई कम  

नई दिल्ली । महंगाई के मोर्चे पर भारत के लिए अच्छी खबर आई है। गुरुवार को मोदी सरकार ने नवंबर में महंगाई दर के आंकड़े जारी किए, जो कि राहत भरे हैं। दरअसल, अक्टूबर माह में खुदरा महंगाई तेजी से बढ़ते हुए 6 फीसदी के पार चली गई थी, लेकिन नवंबर महीने में ये गिरकर 5.48 फीसदी रही है। केंद्र ने बताया कि खाद्य पदार्थों, खासकर सब्जियों की कीमतों में आई नरमी के चलते महंगाई कम हुई है। बुधवार को ही आरबीआई के गवर्नर का पद संभालने वाले संजय मल्होत्रा के लिए ये पहली गुड न्यूज आई है। गौरतलब है कि आरबीआई ने महंगाई दर को 4-6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य तय किया है और नवंबर में ये फिर 6 फीसदी से नीचे आ गई है। 
भारत की खुदरा महंगाई दर इसके पिछले अक्टूबर में बढ़कर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। जो कि सितंबर में 5.49 प्रतिशत थी। ऐसा माना जा रहा था कि त्‍यौहारी सीजन में हाई फूड प्राइस के कारण महंगाई दर में इजाफा हुआ है।  अगस्त 2023 के बाद यह पहली बार था जब महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की 6 प्रतिशत की सहनीय सीमा को पार कर चुकी थी। सितंबर में मुद्रास्फीति जुलाई के बाद पहली बार आरबीआई के मध्यम अवधि के लक्ष्य 4 प्रतिशत को पार कर गई, जो 5.49 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। यानी कि महंगाई में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो लोगों की जेब पर असर डाल रही है। 
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी सीपीआई डेटा के मुताबिक नवंबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर घटकर 9.04 फीसदी पर आ गई, जो कि अक्टूबर माह में 10.87 फीसदी पर पहुंच गई थी। वहीं बीते साल नवंबर 2023 में ये 8.70 फीसदी थी। एनएसओ के मुताबिक, नवंबर 2024 के दौरान सब्जियों, दालों और फूड प्रोडक्ट्स, चीनी और मिठाई, फलों, अंडों, दूध मसालों की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। नवंबर महीने में अनाज की महंगाई दर 6.88 फीसदी दर्ज की गई, जो कि अक्टूबर में 6.94 फीसदी थी। दालों में महंगाई दर 7.43 फीसदी से घटकर 5.41 फीसदी पर आ गई। 
बता दें कि सीपीआई आधारिक रिटेल महंगाई दर जुलाई-अगस्त महीने में औसतन 3.6 फीसदी के स्तर पर था, लेकिन फिर सितंबर महीने में ये उछलकर 5.5 फीसदी पर पहुंची और अक्टूबर महीने में ये आरबीआई का तय दायरा तोड़ते हुए 6.21 फीसदी पर पहुंच गई थी। यहां बता दें कि बीते सप्ताह ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर के अनुमान को 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 4.8 फीसदी किया था।